रामज़ान का महीना इबादत, सब्र और भलाई का महीना होता है। सूरज डूबने के बाद मगरीब की अज़ान के समय रोज़ा खोलने की प्रक्रिया को इफ्तार कहा जाता है। दिनभर रोज़ा रखने के बाद इस समय खाया जाने वाला खाना इफ्तार कहलाता है। रोज़ा खोलने से पहले इफ्तार की दुआ पढ़ी जाती है।
रमज़ान में दो समय खाना खाया जाता है। सुबह के समय जिसको हम सेहरी कहते हैं इस वक़्त हम सेहरी की दुआ पढ़कर भोजन करते हैं, जबकि मगरीब के समय इफ्तार की दुआ पढ़कर रोज़ा खोला जाता है।
आज मैं आपको इफ्तार के बारे में पूरी जानकारी दूंगा, जिसमें इफ्तार का सही समय, इसका महत्व, रोज़ा खोलने की दुआ, सेहरी और इफ्तारी के बीच का अंतर, और इफ्तार के लिए सबसे अच्छा खाना शामिल है।

इफ्तार करने का सही समय क्या है?
इफ्तार करने का सही समय मगरीब की अज़ान के साथ शुरू हो जाता है। हदीस के अनुसार, इफ्तार में देरी नहीं करनी चाहिए। इस समय खजूर और पानी या केवल पानी के साथ रोज़ा खोला जा सकता है।
इफ्तार की नीयत का तरीका
नीयत करने का मतलब है की दिल से इरादा करना। इफ्तार से पहले इफ्तार की दुआ (अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु वा बिका आमंतु वा अलयका तवाक्कल्तू वा अला रिज़किका अफ्तर्तु।) पढ़ने से नीयत हो जाती है। इफ्तार की दुआ खाना खाने से पहले पढ़ना ज़रूरी होता है।
इफ्तार करने की दुआ हिंदी, अंग्रेजी और अरबी में अनुवाद के साथ
इफ्तार की दुआ हिंदी में (iftar ki dua in hindi)
अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु वा बिका आमंतु वा अलयका तवाक्कल्तू वा अला रिज़किका अफ्तर्तु।
Iftar Karne Ki Dua Ka Tarzuma In Hindi
ओ अल्लाह! मैंने आपके लिए उपवास किया और मैं आप पर विश्वास करता हूं और मैंने आप पर भरोसा किया है और मैं आपके भोजन से अपना उपवास तोड़ता हूं
इफ्तार करने की दुआ अंग्रेजी में
Allahumma inni laka sumtu wa bika aamantu wa ‘alayka tawakkaltu wa ‘ala rizq-ika aftartu
Iftar Karne Ki Dua With English Translation
O Allah! I fasted for you and I believe in you and I put my trust in You and I break my fast with your sustenance
इफ्तार करने की दुआ अरबी में
اَللّٰهُمَّ اِنَّی لَکَ صُمْتُ وَبِکَ اٰمَنْتُ وَعَلَيْکَ تَوَکَّلْتُ وَعَلٰی رِزْقِکَ اَفْطَرْتُ
Roza Kholne Ki Dua With Urdu Translation
اے اللہ!میں نے تیری خاطر روزہ رکھا اور تیرے اوپر ایمان لایا اور تجھ پر بھروسہ کیا اورتیرے رزق سے اسے کھول رہا ہوں.
इफ्तारी और सेहरी के बीच क्या अंतर है?
इफ्तारी और सेहरी में मुख्य अंतर समय और उद्देश्य का है।
इफ्तारी सूर्यास्त (सूरज डूबने) के बाद, मगरीब की अज़ान के समय की जाती है, जिससे रोज़ा खोला जाता है।
सेहरी सूर्योदय (सूरज के निकलने) से पहले, फजर की नमाज़ से पहले की जाती है, जिससे रोज़ा रखने की तैयारी होती है।
रमज़ान के लिए खजूर का क्या महत्व है?
रमज़ान में खजूर का बहुत बड़ा महत्व है। यह पैगंबर मुहम्मद ﷺ की सुन्नत है, क्योंकि वे खुद खजूर से रोज़ा खोलते थे। हदीस में आता है की, पैगंबर ﷺ ने कहा कि यदि इफ्तार के समय खजूर है तो उससे रोज़ा खोलो, और यदि न हो तो पानी से इफ्तार करो। [Tirmidhī]
इफ्तारी के लिए सबसे अच्छा खाना क्या है?
इफ्तार के लिए सबसे अच्छा खाना ताक़त और ऊर्जा देने वाला होना चाहिए। ज़्यादातर इफ्तार में, खजूर, चना, गोश्त, रोटी, बिरयानी, शरबत और समोसा खाए जाते हैं। यह खाना दिनभर की सुस्ती भागने में मदद करते हैं।
हमें उम्मीद है कि अब आपको इफ्तार की दुआ, नीयत, समय और इफ्तारी से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी मिल गई होगी। यदि आपका कोई सवाल है या आपको कोई गलती दिखे, तो कृपया नीचे लिखकर पूछें।
अल्लाह हम सभी के रोज़े और इबादत को कुबूल करे और हमें रमज़ान की बरकतों से नवाज़े। रमज़ान मुबारक!