क्या आप अपने घर की गरीबी और तंगदस्ती से परेशान है और आपके महनत के बावजूद ये तंगदस्ती आपका पीछा नहीं चोर रही है। तो आपको सूरह कौसर का 129 मर्तबा वाला अमल ज़रूर करना चाहिए।
आज मैं आपको ऐसा अमल बताने वाला हु घर के किसी एक शख्श ने इस अमल को किया तो सिर्फ उस इंसान को इस अमल का फायदा नहीं मिलेगा बल्कि अल्लाह पाक इस अमल का फायदा उस इंसान के नस्लों नस्लों में पंहुचा देगा।
सौराह अल कौसर का अमल एक ऐसा अमल है जिसे करने के बाद उसके घर से गरीबी, लाचारी, फकीरी, तनहाई दूर हो जाएगी।
इस सूरह को किफ़ालत की सूरह भी कहते हैं कियुकी इस वज़ीफ़ा को करने के बाद अल्लाह पाक आपकी सारे परेशानियों को दूर करदेंगे और आपकी तमाम ज़रुरत पूरी हो जाएगी।
सूरह कौसर का वज़ीफ़ा का तरीका

इस अमल को एक मर्तबा ज़रूर करना है चाहे शाम के वक़्त हो या फिर सुबह लेकिन अगर आप इस वज़ीफ़ा का भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं तो इस अमल को सुबह और शाम एक दिन में दो मर्तबा करें।
अव्वल और आखिर में पहले आपको एक बार या तीन बार या 7 मर्तबा या फिर 11 मर्तबा दरूद ए इब्राहिम को पढ़ना है, दरूद इब्राहीमी को पढ़ने के बाद 129 मर्तबा सूरह अल कौसर को पढ़ना है याद रहे की हर बार इन्ना आतैना कल कौसर को पढ़ने से बिस्मिल्लाह ज़रूर पढ़ना है।
सूरह कौसर के वज़ीफ़ा का फायदे के लिए आपको अमल करते वक़्त बातें नहीं करनी.
Surah Kausar barish ke Pani mein 3 bara padh kar dam kar ke peene se mujhe jaldi baccha paida hone ki Khushi Mili thi