फजर की नमाज़ दिन की पहली नमाज़ है, इस नमाज़ को पढ़ने के लिए हमें सुबह जल्दी उठना पड़ता है।
फजर की नमाज़ में 4 रकअत नमाज़ होती है, जिसमे 2 सुन्नत और 2 फ़र्ज़ नमाज़ होती है। इस नमाज़ को पढ़ने की बहुत बड़ी फ़ज़ीलत है, इसीलिए आज हम आपको फज़र की नमाज़ का तरीका, कब और कितनी रकात पढ़ी जाती है इसके बारे में बताएंगे।

फजर की नमाज का तरीका
फजर की नमाज़ में सबसे पहले हम दो रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ते हैं फिर इमाम (नमाज़ पढ़ाने वाले) के पीछे दो रकात फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ते हैं। अब हम आपको फज़र की नमाज़ पढ़ने का तरीका बताने जा रहे हैं।
फजर की सुन्नत नमाज़ पढ़ने का तरीका
- सुन्नत नमाज़ की नियत और दुआ को पढ़ेंगे (इन्नी वाज्जःतु वजहिया लिल्लज़ी फतरसामावाती वलअर्ज़ा हनी -फ़ो -व- वमा आना मिनल मुशरिकीन)
- अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बांध लेंगे
- सना पढ़ेंगे
- ताउज और तस्मिया पढ़ेंगे
- सूरह फातिहा पढ़ेंगे
- क़ुरान की सूरह पढ़ेंगे
- अल्लाहु अकबर कहकर रुकू में जायेंगे
- तीन या 5 बार रुकू की दुआ को पढ़ेंगे
- अल्लाहु अकबर कहकर खड़े हो जायेंगे और रब्बना लकल हम्द कहेंगे
- अल्लाहु अकबर कहकर सज़दे में चले जायेंगे
- दो बार सज़दा करेंगे सज़दा की दुआ पढ़ेंगे और सज़दे के दरमियान की दुआ को पढ़ेंगे
- अल्लाहु अकबर कहकर खड़े हो जायेंगे
- अब आपकी एक रकात नमाज़ पूरी हो गयी है
- इस तरह दूसरी रकात भी पढ़ेंगे पहले सूरह फातिहा फिर क़ुरान शरीफ की सूरत और रुकू करेंगे सज़दा करेंगे और आखिरी सज़दे के बाद अल्लाहु अकबर कहकर बैठ जायेंगे
- तशहुद पढ़ेंगे
- दरूद शरीफ पढ़ेंगे
- दुआ मासुरा पढ़ेंगे
- सलाम फेरेंगे पहले दाहिनी तरफ फिर बायीं तरफ
इस तरह आपकी फज़र की दो रकात सुन्नत नमाज़ पूरी हो गयी है अब इसके बाद अगर आप मस्जिद में नमाज़ पढ़ रहे हैं तो इमाम के पीछे दो रकात नमाज़ फजर की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ेंगे, आगे मैं आपको बताऊंगा की दो रकात फ़र्ज़ नमाज़ कैसे पढ़ते हैं।
फजर की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने का तरीका
- नमाज़ की नियत और दुआ को पढ़ेंगे (इन्नी वाज्जःतु वजहिया लिल्लज़ी फतरसामावाती वलअर्ज़ा हनी -फ़ो -व- वमा आना मिनल मुशरिकीन)
- अल्लाहु अकबर कहकर हाथ बांध लेंगे
- सना पढ़ेंगे
- ताउज और तस्मिया पढ़ेंगे
- सूरह फातिहा पढ़ेंगे (अगर इमाम साहेब के पीछे पढ़ रहे है तो आपको कुछ नहीं पढ़ना है बस ध्यान से सुन्ना है।)
- इमाम साहेब क़ुरान शरीफ की कोई सूरह को पढ़ेंगे।
- अल्लाहु अकबर कहकर रुकू में जायेंगे
- तीन या 5 बार रुकू की दुआ को पढ़ेंगे (सुबहान रब्बीअल अज़ीम)
- अल्लाहु अकबर कहकर खड़े हो जायेंगे और रब्बना लकल हम्द कहेंगे
- अल्लाहु अकबर कहकर सज़दे में चले जायेंगे
- दो बार सज़दा करेंगे सज़दा की दुआ पढ़ेंगे (सुबहान रब्बीअल आअला) और सज़दे के दरमियान की दुआ को पढ़ेंगे (अल्लाहुम्मग्फिरली वरहमनी वहदीनी वअ-फिनी वरज़ुक-नी वज़बुर-नी वर्फा-नी)
- अल्लाहु अकबर कहकर खड़े हो जायेंगे
- अब आपकी एक रकात नमाज़ पूरी हो गयी है
- इस तरह दूसरी रकात भी पढ़ेंगे आखिरी सज़दे के बाद अल्लाहु अकबर कहकर बैठ जायेंगे
- तशहुद पढ़ेंगे
- दरूद शरीफ पढ़ेंगे
- दुआ मासुरा पढ़ेंगे
- सलाम फेरेंगे पहले दाहिनी तरफ फिर बायीं तरफ
इस तरह आपकी अब फज़र की नमाज़ पुरी हो गयी है फज़र की नमाज़ को पढ़ने के बाद आप नमाज़ की तस्बीह और क़ुरान शरीफ पढ़ सकते हैं।
इस्लाम की 5 नमाज़ को पढ़ने का तरीका
- फज़र की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- ज़ोहर की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- असर की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- मग़रिब की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- ईशा की नमाज़ पढ़ने का तरीका
फजर की नमाज पढ़ने का वक़्त
फज़र की नमाज़ का वक़्त गर्मियों में 4 बजे से ही शुरू हो जाता है जबकि ठंडी के मौसम में 5 बजे से शुरू होता है।
फज़र की नमाज़ की नियत
नमाज़ की नियत करना मतलब की दिल से इरादा करना की मैं नमाज़ पढ़ने जा रहा हूँ। फज़र की नमाज़ की नियत भी हर नमाज़ की नियत की ही तरह होती है।
सबसे पहले हम नामज की नियत की दुआ को पढ़ेंगे (इन्नी वाज्जःतु वजहिया लिल्लज़ी फतरसामावाती वलअर्ज़ा हनी -फ़ो -व- वमा आना मिनल मुशरिकीन) उसके बाद मन में कहेंगे की नियत करता हूँ मैं २ रकअत नमाज़ फज़र की मुँह मेरे काबा शरीफ की तरह पीछे इस इमाम के (अगर इमाम के पीछे पढ़ रहे हैं तब बोलना है नहीं तो नहीं ) वास्ते अल्लाह ताला के, अल्लाहु अकबर।
इस तरह आपकी फज़र की नमाज़ की नियत हो जाएगी।
फज़र की नमाज़ में कितनी रकात होती है?
फजर की नमाज़ में 4 रकात नमाज़ होती है जिसमे से 2 रकात नमाज़ सुन्नत और दो रकात नमाज़ फ़र्ज़ होती है, फज़र की नमाज़ हर नमाज़ में सबसे छोटी नमाज़ होती है।
हमें उम्मीद है की आपको फज़र की नमाज़ को पढ़ने का तरीका, नियत, वक़्त और रकाअत के बारे में अच्छे से पता चल गया होगा। इस बताये गए तरीके से अगर आप फज़र की नमाज़ को पढ़ेंगे तो आपकी नमाज़ अच्छे से मुक़म्मल होगी।
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