सलातुल तस्बीह की नमाज के बारे में आप जानते ही होंगे सलातुल तस्बीह की नमाज़ को प्यार नबी मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने अपने चाचा सउद्दीन हज़रत अब्बास को सिखाई थी और दुसरे सहाबा को भी पढ़ने का हुकुम दिया।
हदीस में है की हुज़ूर पाक सहाबा करम से फरमाते हैं की हो सके तो सलातुल तस्बीह की नमाज़ को रोज़ाना पढ़े, वो भी न हो सके तो हफ्ते में, हफ्ते में न हो सके तो महीने में, महीने में न हो सकते तो साल में, साल में न हो सके तो अपनी पूरी ज़िन्दगी में एक बार ज़रूरी पढ़ना चाहिए।
सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने से पहले यह करें
सलातुल तस्बीह को भी बाकी नमाज़ की ही तरह पढ़ी जाती है। 4 रकात सलातुल तस्बीह की नमाज़ में हमे 300 मर्तबा तीसरा कलमा को अल्लाहुअकबर तक पढ़ना पढ़ता है ( सुब्हानल्लाही वल्हम्दुलिल्लाही वलाइलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहुअक्बर )। नीचे हमने आपकी step by step बताया हुआ है आप कैसे आसानी से सलातुल तस्बीह की नमाज़ को पढ़ सकते हैं।
सलातुल तस्बीह की नमाज़ में पढ़े जाने वाला कलमा/दुआ
Step By Step Salatul Tasbeeh Ki Namaz Ka Tarika | No. Of Times Kalma |
---|---|
सना के बाद सूरह फातिहा से पहले | 15 बार |
सूरह फातिहा और सूरह को पढ़ने के बाद | 10 बार |
रुकू में | 10 बार |
रुकू से खड़े होने के बाद | 10 बार |
सजदे में | 10 बार |
सजदे के बीच में | 10 बार |
दूसरी सजदे में | 10 बार |
सलातुल तस्बीह की नमाज़ पढ़ने का तरीका
- सलातुल तस्बीह की नमाज़ की नीयत करेंगे ऊपर हमने बताया हुआ सलातुल तस्बीह की नीयत करने का तरीका।
- सना दुआ को पढ़ेंगे।
- 15 मर्तबा कलमे को पढ़ेंगे
- सूरह फातिहा को पढ़ेंगे
- क़ुरान शरीफ की कोई सूरह या सबसे छोटी सूरह को पढ़ेंगे
- सूरह को पढ़ने के बाद 10 बार कलमे को पढ़ेंगे
- रुकू में कलमे को 10 मर्तबा पढ़ेंगे
- रुकू के बाद जब खड़े हो तब फिर दस मर्तबा कलमे को पढ़ेंगे
- सज़दे में जाकर फिर कलमे को दस बार पढ़ेंगे
- सजदे के दरमियान जब बैठे हो तब फिर कलमे को 10 बार पढ़ेंगे
- दुसरे सज़दे में फिर इसी कलमे 10 बार पढ़ेंगे
- इस तरह से हमारी एक रकात सलातुल तस्बीह की नमाज़ पूरी हो गयी है इस एक रकात की नमाज़ में हमने 75 मर्तबा कलमे को पढ़ा है।
- दूसरी रकात के लिए अल्लाहु अकबर कहकर खड़े हो जाना है और फिर 15 बार पढ़ना है
- इसी तरह हर स्टेप को फॉलो करते हुए हम दूसरी (2) तीसरी (3)और चौथी (4 ) रकात में भी 75,75,75, 75 मर्तबा करके 300 बार इस कलमे को पढ़ लेंगे।
सलातुल तस्बीह की नमाज़ की नीयत करने का तरीका
सलातुल तस्बीह की नमाज़ का वक़्त है जिस वक़्त में नफ़्ल नमाज़ पढ़ना मकरू या मना है उस वक़्त में नहीं पढ़ सकते बाकि सभी टाइम पर दिन हो या रात पढ़ सकते हैं।
सलातुल तस्बीह की नमाज़ एक नफ़्ल नमाज़ है इस नमाज़ की नीयत कुछ इस तरह करेंगे नीयत करता हु मैं 4 रकात नफ़्ल सलातुल तस्बीह की, रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ, वास्ते अल्लाह ताला के अल्लाहु अकबर कहते हुए हाथ को कानो तक उठाकर बांध लेंगे।
सलातुल तस्बीह की नमाज़ में पढ़े जाने वाला कलमा/दुआ अरबी में
سُبْحَانَ اللّٰہِ، وَالْحَمْدُ لِلّٰہِ، وَلَا إِلٰہَ إِلاَّ اللّٰہُ، وَاللّٰہُ أَکْبَرُ
सलातुल तस्बीह की नमाज़ में पढ़े जाने वाली दुआ हिंदी में
सुब्हानल्लाही वल्हम्दुलिल्लाही वलाइलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहुअक्बर
सलातुल तस्बीह की नमाज़ में पढ़े जाने वाली दुआ इंग्लिश में
SubhanAllahi walhamdulillahi wala ilaha illallahu wallahu akbar
सलातुल तस्बीह की नमाज़ में कितनी रकात होती हैं?
सलातुल तस्बीह में पूरी 4 रकात नमाज़ होती है। सलातुल तस्बीह एक नफ़्ल नमाज़ है।
सलातुल तस्बीह की नमाज़ के पढ़ने का वक़्त
सलातुल तस्बीह की नमाज़ के पढ़ने का वक़्त सुबह सादिक से तुलु आफताब तक, असर की नमाज़ के बाद से गरुब आफताब तक, जवाल और गरुब के वक़्त सलातुल तस्बीह को पढ़ना नाजायज़ है।
सलातुल तस्बीह की नमाज़ की फ़ज़ीलत
सलातुल तस्बीह की नमाज़ को पढ़ने का बहुत से फायदे और फ़ज़ीलत है क्यूकी सलातुल तस्बीह को पढ़ने का हुक्म हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने दिया था। आज हम उनमे से सलातुल तस्बीह की नमाज़ की 3 फ़ज़ीलत के बारे में आपको बताएंगे।
- सगीरा और कबीरा गुनाह जो हमने जान बूझकर किये हुए हो या अनजाने में, छुप कर किये हो या खुल्लम खुल्ला, जवानी में किये हो या बुढ़ापे में सलातुल तस्बीह की नमाज़ को पढ़ने के बाद अल्लाह पाक आपकी सारी गुनाहो को माफ़ कर देते हैं।
- अगर आपके साथ ज़िन्दगी में कोई परेशानी चल रही हो या फिर आप किस बुरी जगह फसे हुए हैं तो सलातुल तस्बीह नमाज़ को पढ़ने के बाद आपकी पूरी परेशानी दूर हो जाएगी।
- बहुत सारे लोग हैं जो जुमे के दिन इस नमाज़ को जुमे की नमाज़ से पहले पढ़ते हैं यह देखते हुए हम कह सकते हैं की हर मुसलमान को हफ्ते में एक बार सलातुल तस्बीह की नमाज़ को ज़रूर पढ़लेना चाहिए. सलातुल तस्बीह की नमाज़ को पढ़ने में 15 से 20 मिनट का वक़्त लगता है।
इस तरह आपकी सलातुल तस्बीह की नमाज़ पूरी हो जाएगी, अगर आपको सलातुल तस्बीह की नमाज़ को पढ़ने में अभी भी कोई दिक्कत हो तो आप हमे नीचे लिखकर पूछ सकते हैं.
kounsa kalma
Teesra kalma aur Jo likha hua hai neeche
Kya ek bar me 10 log jamat bana kr padh sakte hai jaise ki 1 aadmi imamat kar le baki uske pichhe padh le
Salatul tashbih ek sunnat nmaz hai ise akele hi padha jata hai
Mene aaj same Isi tarike se pdhi hai jese apne btai hai salatul tasbih
allah pak aapki namaz ko qubool kre
Mene aaj same Isi tarike se pdhi hai jese apne btai hai salatul tasbih
allah pak aapki namaz ko qubool kre
सलातुल तस्बीह की नमाज किस टाइम पढ़नी है
Jab aapka Dil kre bs mukruh ki time nhi pdhna hota hai
Jankari achi hai.
Apka shukriya salatul tasbeeh namaz ki post padhne ke liye